– समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई से उजागर हुए पांच वर्षों की जानकारी
नोएडा। अक्सर सरकारी एजेंसियों पर उंगली उठती रहती है। लेकिन, उनके द्वारा अच्छे कार्यों पर हमें उनकी तारीफ भी करनी चाहिए। समाजसेवी एवं अधिवक्ता रंजन तोमर की आरटीआई पर वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की जानकारी से इस बात का खुलासा हुआ है कि बीते पांच वर्ष में सरकारी एजेंसिंयों के कर्मचारियों ने एक हजार से भी ज्यादा परिंदों को गैरकानूनी खरीद फरोख्त से बचाया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों पहले ही आरटीआई के जवाब में ब्यूरो ने कहा था कि वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत पक्षियों की प्रजातियों की खरीद या उसे बेचना कानूनी अपराध है और इसकी शिकायत ब्यूरो में की जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष-2016 में रोज रिंग्ड तोते की प्रजाति , अलेक्सांडरिन एवं पल्म हेडेड पाराकीट प्रजाति के 27 पक्षियों को बचाया गया। जबकि वर्ष-2017 में मुनिया प्रजाति समेत अन्य प्रजातियों के 361 परिंदों को आजाद कराया गया। वर्ष-2018 में उल्लू, मैना आदि प्रजाति के 149 पक्षियों को बचाया गया। जबकि साल-2019 में काले सिर वाली मुनिया समेत 352 पक्षी और सन्-2020 में ब्रामिनी चील समेत अन्य प्रजातियों के 46 पक्षियों को छुड़वाया गया। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष-2021 में अब तक 86 पक्षियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराया गया है।
समाजसेवी रंजन तोमर ने कहा कि इस प्रकार की जानकारी आम जनता के पास आने से वे भी गैरकानूनी रूप से पक्षियों तस्करी और व्यापार करने वालों पर निगाह रख वे वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो को इसकी जानकारी देकर परिंदों को बचा सकते हैं। ब्यूरो को उनके दिल्ली स्थित कार्यालय में इस नंबर 011-26182484 पर जानकारी दी जा सकती है।