– एमिटी में उद्यमिता नवाचार और नेतृत्व विषय पर सम्मेलन
नोएडा। छात्रों में उद्यमिता, नवाचार और नेतृत्व के गुणों को विकसित करने एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश द्वारा ‘उद्यमिता, नवाचार और नेतृत्वÓ पर चतुर्थ ऑनलाइन अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शुक्रवार को ‘व्यापार, प्रबंधन, वाणिज्य और कानूनÓ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया।
यूके के सॉलीसिटर एंड एडवोकेट प्रेम महिंद्रु ने कहा कि महामारी भविष्य के विधिक क्षेत्र में कार्य करने वाले युवाओं को नये अवसर प्रदान कर रहा है। यह आपको नई क्षमता, प्रतिभा प्रदान कर रहा है। नई चुनौतियों के नये निराकरण प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि महामारी ने नया प्रोत्साहन दिया है और उन्होनें नई चीजें सीखी है। जीवन में सफल होनें के लिए नवाचार आवश्यक है।
उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता विवेक नारायण शर्मा ने कहा कि हमें नये परिक्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। डिजिटलाइजेशन ने विधिक बिरादरी, विधिक शिक्षा और कार्यप्रणाली को नये आयाम प्रदान किये हैं। तकनीकी के साथ नये परिवर्तन हो रहे हैं और उम्मीद है भविष्य में और भी बृहद परिवर्तन देखने के लिए मिलेंगे। हमें दो प्रकार की क्षमता का उपयोग करना है, जिसमें नये पथ का निर्माण करना है और चुनौतियों का निराकरण प्रदान करना है। श्री शर्मा ने कलाकार जूही चावला के केस की ऑनलाइन सुनवाई का उदाहरण देते हुए कहा हमें तकनीकी का उपयोग करते हुए सावधान रहना है और अपनी जिम्मेदारी का वह्न पूरी करना होगा।
पुणे के एएसएम गु्रप ऑफ इंस्टीटयूट के चेयरमैन डॉ. संदीप पांचपांडे ने कहा कि हमें 210वीं सदी में छात्रों के अंदर विचार करने, नवाचार, नेतृत्व आदि के गुणों को विकसित करना होगा। हर संकट अपने साथ अवसरों को भी लाता है। इस महामारी ने भी नये अवसर प्रदान किये हैं। कोरोना के कारण हमने तकनीकी को तेजी से आत्मसात किया है और रोजगार की भूमिका में परिवर्तन आया है। शोध के अनुसार उपलब्ध रोजगारों में से लगभग 60 प्रतिशत भविष्य में नही होगें या परिवर्तित हो जायेंगेद्ध इसलिए हमें छात्रों को भविष्य के रोजगार हेतु तैयार करना है। हमें इस प्रकार के छात्रों का निर्माण करना है, जिन्हें तकनीक और अपने विषय दोनों की बेहतरीन जानकारी हो।
पेरू के कोरपोरेट आटार्नी मैक क्लेम पेना ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि किसी तरह विधिक प्रणाली, तकनीकी से एकीकृत हो रही है। महामारी ने पूरे विश्व को तकनीकी का अवसर दिया है, जिसका उपयोग करके हमने कार्य को बेहतरीन ढंग से किया है। आज हमें कहीं जाने के लिए पैसे और समय खर्च करके वहां पहुंचने की बजाय डिजिटल रूप से जुड़ना अधिक सहज लगता है। आज कई बेहतरीन विधिक सेवा प्रदान करने वाले उपकरण और एप मौजूद है जिनका उपयोग किया जा रहा है।
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप रॉय ने कहा कि आज आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का उपयोग कानून प्रक्रिया में भी हो रहा है। महामारी में नये नवाचार हुए हैं और कार्य में पारदर्शिता सरलता आई है। उन्होंने विभिन्न विधिक एप्स के बारे में भी जानकारी दी।
एमिटी लॉ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डॉ. डीके बंद्योपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में आयोजित इस सत्र के माध्यम से हम कानून के छात्रों को कानून प्रणालियों और कार्यों में तकनीक के उपयोग की महत्वतता की जानकारी प्रदान करना चाहते थे। आज जब तकनीकी हर क्षेत्र से जुड़ रहा है तो विधिक प्रणाली मेे इससे दूर नहीं है। भविष्य को कार्यकुशल मानव संसाधन को तैयार करने के लिए एमिटी द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें आप जैसे विशेषज्ञों से छात्रों को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। परिचर्चा सत्र के अंत में एमिटी लॉ स्कूल की अदिति भारती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।