– भगवान के दर्शन के बाद मंगलवार को दाखिल करेंगे नामांकन
नोएडा। नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) के मौजूदा कार्यवाहक अध्यक्ष विपिन मल्हन अपने पूरे पैनल के साथ जीत का छक्का लगाने को तैयार हैं। चुनाव के लिए श्री मल्हन अपने पैनल के सभी 16 सदस्यों के साथ मंगलवार को सेक्टर-6 स्थित एनईए दफ्तर में नामांकन दाखिल करेंगे।
यह जानकारी सोमवार को सेक्टर-एक में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में विपिन मल्हन ने दी। उन्होंने बताया कि नामांकन के लिए सभी उम्मीदवार और उनके समर्थक उद्यमी सेक्टर-दो स्थित लाल मंदिर पर जमा होंगे और भगवान के दर्शन के बाद वहां से पूर्वाह्न 11.30 बजे पैदल मार्च करते हुए सेक्टर-6 पहुंचेंगे। वहां नियमानुसार नामांकन दाखिल करेंगे।
लगातार छठवीं बार अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे विपिन मल्हन ने बताया कि अब तक किसी दूसरे पैनल ने अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं की है। इसके बावजूद वह निर्विरोध निर्वाचित होने के बजाए चुनाव की पूरी प्रक्रिया को अपनाना चाहते हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। एक सवाल के जवाब में श्री मल्हन ने बताया कि मुख्य रूप से 16 पदाधिकारियों का पैनल है। लेकिन, कार्यसमिति के सभी सदस्यों के साथ एसोसिएशन के कुल सदस्यों की संख्या 130 हो जाती है। उन्होंने बताया कि चुनाव में लगभग 1600 उद्यमी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
एक सवाल के जवाब में विपिन मल्हन कहते हैं कि सरकार की नीतियों के कारण एमएसएमई सेक्टर मैन्यूफैक्चरिंग की जगह एसेंबलिंग यूनिट में बदल गए हैं। छोटे और मझोले उद्योगों की चीन पर निर्भरता 90 फीसदी तक है। इस हालात को तब तक नहीं बदला जा सकता है, जब तक सरकार यहां उत्पादन की पूरी व्यवस्था उपलब्ध न करा दे। उन्होंने बताया कि कि मौजूदा समय में एमएसएमई सेक्टर के लोग चाइना से कच्चा माल और दूसरे सामान आयात करते हैं और यहां एसेंबलिंग करने के बाद डिब्बे पर मेड इन इंडिया लिखकर बाजार में सप्लाई कर देते हैं। यह स्थिति इलेक्ट्रानिक, ऑटोमोबाइल, प्लास्टिक, मोबाइल और चार्जर समेत अधिकतर उद्योगों में देखने को मिल रही है।
विपिन मल्हन ने बताया कि देश के बड़े औद्योगिक शहरों में शुमार नोएडा में कच्चे माल के साथ ही इंडस्ट्रियल रॉ मैटेरियल का कोई बाजार नहीं है। यह प्राधिकरण की एक बड़ी चूक है। वर्ष-1976 में नोएडा को औद्योगिक नगरी के रूप में बसाते समय प्लानरों ने इस बात की ओर सोचा ही नहीं कि उद्योगों को कच्चा माल कहां से मिलेगा। उसका कोई प्रॉविजन ही नहीं किया गया। वह कहते हैं कि बीते 25 वर्षों से एनईए शासन और प्राधिकरण से कच्चे माल के मार्केंट की मांग कर रही है। लेकिन, अब तक उनकी मांग पर कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि वर्ष-1976 में नोएडा के सेक्टर-9 और 10 में जो 50 और 114 मीटर की फैक्ट्रियों के लिए भूमि का आवंटन किया गया था, उनका लैंड यूज बदलकर कच्चे माल के बाजार के रूप में विकसित करने की मांग बीते 25 वर्षों से की जा रही है। प्राधिकरण को यह भी प्रस्ताव दिया गया कि यदि लैंड यूज चेंज करने में किसी न्यायोचित शुल्क की जरूरत हो तो वह भी भुगतान किया जाएगा। लेकिन, उनकी इस मांग पर सरकार और अथॉरिटी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक पहल नहीं की गई है। फिलहाल, सेक्टर-9 और 10 को अपने बूते कच्चे माल के मार्केट के रूप में काफी हद तक बदल लिया गया है। हालांकि अब भी यहां के उद्योगों को उत्पादन के लिए दिल्ली या गाजियाबाद पर निर्भर रहना पड़ता है।
इस मौके पर वीके सेठ, सुधीर श्रीवास्तव, हरीश जुनेजा, नीरू शर्मा, शरद जैन, राकेश कोहली और सुभाष चोपड़ा समेत बड़ी संख्या में उद्यमी मौजूद थे।