Budget 2023-24 : नोएडा। नरेंद्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई है। सरकार को पता है कि इस बजट में किसी को नाराज करने से अगले साल होने वाले आम चुनाव पर असर पड़ सकता है। यह कहना है शहर के आर्थिक विशेषज्ञ चार्टर्ड एकाउन्टेंट राजीव शर्मा का।
Budget 2023-24 :
राजीव शर्मा ने बताया कि वित्त वर्ष 2023—24 के बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में काफी राहत मिली है। नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक पुरानी कर व्यवस्था में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडेक्शन का लाभ दिया जाता था। इस बजट में इस रकम में भी इजाफा किया गया है। यह निश्चित रूप से लाभकारी होगा।
चार्टर्ड एकाउन्टेंट राजीव शर्मा ने बताया कि पिछली बजट की तरह इस बार भी नई कर व्यवस्था यानी बिना कोई छूट वाली टैक्स प्रणाली को ‘डिफॉल्ट’ बनाने का प्रस्ताव किया गया है। ‘डिफॉल्ट’ का मतलब है कि अगर आयकर रिटर्न भरते समय आपने विकल्प नहीं चुना तो आप स्वत: नई आयकर व्यवस्था में चले जाएंगे। बजट में किये गये प्रस्ताव के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर कोई कर लगेगा। उन्होंने बताया कि नई कर व्यवस्था में आयकर स्लैब के तहत 03 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। जबकि 03 से 06 लाख रुपये पर 05 प्रतिशत, 06 से 09 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 09 से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा।
उन्होंने बताया कि हर स्लैब के तहत आम लोगों को तो लाभ मिलेगा ही, हायर इनकम वालों के लिए भी विशेष छूट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि बजट में अधिक आय वाले करदाताओं यानि बड़े कारोबारी या कारपोरेट को बड़ी राहत दी गई है। इसके तहत अधिभार यानि सेस की उच्चतम दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है। इसका टैक्स की दर में 03 प्रतिशत का असर पड़ेगा, जो बड़ी राहत होगी।
राजीव शर्मा ने बताया कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की गई है। निश्चित रूप से इससे रोजगार के सृजन में मदद मिलने की उम्मीद है।