– 35 से अधिक देशों के लगभग 110 विशेषज्ञों ने रखे विचार
नोएडा। एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा सांइस और इंजिनियरिंग पर ऑनलाइन 12वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘कॉनफ्लुएंस 2022Ó का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा सांइस और इजिनियिरिंग के क्षेत्र में हो रहे आधुनिक शोध व नवाचार की जानकारी प्रदान करने के साथ छात्रों, शिक्षकों, विशेषज्ञों, कारपोरेट सेक्टर के दिग्गजों आदि को एक मंच प्रदान करना है। सम्मेलन का शुभारंभ, फ्रॅक्टल के सीआईओ मनीष तिवारी, एडेक्स के फांउडर एवं सीईओ डा. अनंत अग्रवाल, आईईईई यूपी सेक्शन के पास्ट चेयरपरसन और आईआईटी कानपुर के डा. जे. रामकुमार, माइक्रोसाफ्ट के नेशनल सिक्योरिटी ऑफीसर दीपक तलवार, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के चांसलर डा. अतुल चौहान, वाइस चांसलर डा. (प्रो.) बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा. डब्ल्यू सेल्वामूर्ती, एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रमुख डा. अभय बंसल और डा. मनोज पांडेय द्वारा किया गया।
अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में एडेक्स के फांउडर डा. अनंत अग्रवाल को प्रोफसरशिप की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग टेक्नोलॉजी की पूर्व छात्रा कथा चंदा और पूर्व छात्र करण खरे को एमिटी अल्युमनी यंग आईटी एचिवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में फ्रॅक्टल के सीआईओ मनीष तिवारी ने कहा कि तकनीकी के बढ़ते उपयोग को जीवन में अपनाया गया है। पूरे कोविड संकट मेें एक बड़ी जनसंख्या ने परिवर्तन को समझा है और उसका हिस्सा भी बने हैं। इसने हमारी डिजिटल क्षमता को विकसित किया है। कोविड संकट ने मानव मस्तिष्क को लचीलापन प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष कुछ उद्योगों के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं, किंतु कोविड ने डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा दिया है। एक बड़ी जनसंख्या ने ऑनलाइन और तकनीकी का उपयोग प्रारंभ कर दिया है और लोगों ने कहीं से भी कार्य करने की क्षमता को भी आत्मसात किया है। इस समय ने कौशल को विकसित करने का मौका दिया है जिसमें डाटा सांइस मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। नई तकनीकी के विकास के साथ साइबर सुरक्षा उसका आंतरिक भाग है जो बहुत महत्वपूर्ण है और जिन छात्रों को साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिग, डाटा साइंस, एआई मे ंरूचि है उनके लिए उद्योगों में ढेर सारे अवसर है।
एडेक्स के फांउडर डा. अनंत अग्रवाल ने भविष्य की शिक्षा में हुए चार मुख्य परिवर्तन को बताते हुए कहा कि प्रथम परिवर्तन ऑनलाइन जीवन पर्यंत शिक्षण, द्वितीय लघु मॉड्यूलर कार्यक्रम, तृतीय कैंपस में मिश्रित शिक्षा और चतुर्थ कोरपोरेट शिक्षा में मानव कौशल है। कोविड के दौरान मानव मूल्यों आधारित पाठयक्रम जैसे नेतृत्वता, संचार और बुद्विमता ने टॉप 15 पाठयक्रमों में स्थान बनाया है। नव समान्य बढ़िया है अब शिक्षा के सही परिवर्तन का समय आ गया है।
आईआईटी कानपुर के डा. जे. रामकुमार ने कहा कि नवाचार में समाजिक नवाचार और मेडिकल नवाचार बेहद महत्वपूर्ण है। डाटा साइंस विशेषकर डाटा इन्फॉमेटिक्स एक तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विशेष क्षेत्रों में पैरामेडिकल दुकानों की आवश्यकताओं को जानने के लिए किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वहां फैलने वाले रोगों, चिकित्सको की आवश्यकताओं की जानकारी भी प्रदान करता है। डाटा सांइस का उपयोग स्वास्थय क्षेत्र और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में किया जा रहा है। एमिटी सदैव अग्रणी क्षेत्रों में कार्य करता रहा है और यह मंच युवा मस्तिष्कों को नये विचार, नये मार्ग प्रदान करेगा।
माइक्रोसाफ्ट के दीपक तलवार ने कहा कि हम अत्यंत अनिश्चित विश्व में हैं और पिछले दो वर्ष उसके गवाह रहे हैं। हम बातें कम करते हैं और टाइप अधिक करते हैं। हम मनुष्य से कम बातें करते हैं और मशीनों से अधिक जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि क्लाउड कंप्यूटिंग का अगला कदम एड्ज कंप्यूटिंग है। उपकरण जो डाटा के नजदीक है। लोग वही तकनीकी खरीदते हैं, जिस पर विश्वास करते हैं। शीघ्र ही यूरोप की तरह हमारे यहां भी डाटा प्रोटेक्शन बिल आयेगा। अगर हमें विकास करना है तो हमें निर्माण, सहयोग के साथ लैंगिक भेदभाव को पीछे करके कार्य करना होगा।
एमिटी यूपी के चांसलर डा. अतुल चौहान ने कहा कि एमिटी छात्रों को मूल्यों और संस्कारो ंके साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, जिसका बेहतरीन उदाहरण हमारे पूर्व छात्र कथा और करण है। हम छात्रों का विकास करके उन्हें वैश्विक नागरिक बनाना चाहते हैं, जिससें वे राष्ट्र और विश्व में मानवता के विकास के लिए कार्य करें।
वाइस चांसलर डा. (प्रो.) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा संाइस या कंप्यूटर सांइस के अन्य क्षेत्रों में हो रहे व्यापक परिवर्तन को जानने और समझने पर इस प्रकार के सम्मेलन सहायक होते हैं। छात्रों को विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करने का मौका भी मिलता है। इस अवसर पर एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रमुख डा. अभय बंसल और डा. मनोज पांडेय ने भी विचार रखे।